ईमान
गिरते हुए को तो उठाया जा सकता है ,
उसका हाथ अपने हाथों में लेकर ।
मगर कोई इमां से गिर जाए अगर ,
उसे कोई इंसा नहीं उठा सकता बढ़कर।
गिरते हुए को तो उठाया जा सकता है ,
उसका हाथ अपने हाथों में लेकर ।
मगर कोई इमां से गिर जाए अगर ,
उसे कोई इंसा नहीं उठा सकता बढ़कर।