ईमान
ईमान
एक बेईमान सरे बाज़ार खड़ा था,
सामने बोरों में बंद ईमान पड़ा था।
न खरीदार था न ईमानदार था,
सभी का ईमान ज़मीन में गढ़ा था।
भरी भीड़ में दो चार ईमान बचाए थे,
हाथ धो पीछे उनके बेईमान पड़ा था।
ईमान
एक बेईमान सरे बाज़ार खड़ा था,
सामने बोरों में बंद ईमान पड़ा था।
न खरीदार था न ईमानदार था,
सभी का ईमान ज़मीन में गढ़ा था।
भरी भीड़ में दो चार ईमान बचाए थे,
हाथ धो पीछे उनके बेईमान पड़ा था।