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12 Jun 2023 · 1 min read

ईमानदारी में लिपटा इश्क

ईमानदारी में लिपटा इश्क ,कितना ईमानदारी,
ईमान से इश्क करने वाले ईमानदार से पूछो।

मेहरबानी तो कर मोहब्बत करने वाले,
मोहब्बत और ईमानदारी को भी हौसला देना।

गिरेबान में मिले तो, फ़ुरसत के वक़्त देखना
कितना दूध में कितना पानी और कितना इश्क ।

वादों का पुलिंदा इश्कबाज बना लेते ,
किफायत तो निभाने वाले में बाकी रह जाती है

डिटर्जेंट तो बाजार में उपलब्ध होगा,
थोड़ी ले कर इंसाफ का दर्पण में देखना ।

किफायती इश्क करने वाले, सस्ती भवना रखने वाले
हसरते तो पूरा कर लिया है इस दौर में।

चिंता नहीं ,चिंतन कर के देख यू ही बदनाम ना कर,
इश्क भी ठगा समझता है मोहब्बत भी नाराज होती ।

क्या बोल रहा क्या सुन रहो क्या गौतम
तुम भी बेआबरू हो गए इस महफिल में।

गौतम साव

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 193 Views
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