ईद
प्यारी सी प्यारी सुबह आई,
खुशियों की अमूल्य अवसर लाई,
सेवईयाँ बाँटे और जलेबियाँ खाएँ,
वैर छोड़ अब सबको गले लगाएँ ।
ईदगाह सज गए आज रंगमंच सा,
प्रेम साझा का अमुल्य पर्व है आया,
छोटों पर करेंगे हम स्नेह की वर्षा,
बड़ों से अपार स्नेह का आश हैं आया
छोटे है नव वस्त्रों में मशगुल
उन्हें न अब कभी चुभु जाएँ शूल,
महीने भर की नेकियाँ दिलाकर,
मन उमंगों से भर गया ये फूल ।
✍️✍️✍️ खुशबू खातून
सारण,बिहार