Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2021 · 1 min read

ईद मुबारक हो

ईद मुबारक हो
***********
ईद मुबारक हो तुमको,
मेरे प्यारे वतन वासियों।
दूर से देना मुबारकबाद,
गले न लगाना वतन वासियों।

नमाज अदा करनी है तुमको,
अपने ही घर में तुम्हे रहकर।
मस्जिदें सब जगह बन्द पड़ी है,
कया करोगे तुम वहां जाकर।।

पहनना वहीं कपड़े तुम सब,
जो तुम्हे अल्लाह ने बख्शा है।
नहीं करनी है नई अब खरीदारी,
जो तुम्हारे घर में अब रक्खा है।।

भीड़ न लगाना कही पर तुम,
अगर अपनी जान बचानी है।
जान रहेगी तो जहान दिखेगा,
अगर अगली बार ईद मनानी है।।

रहना अपना अपने ही घरों में,
बाहर नहीं तुम्हे निकलना है।
फोन पर ही ईद मुबारक देना,
अबकी बार तुम्हें यही करना है।।

कह रहा नहीं रस्तोगी ये सब कुछ,
मुल्ले मौलवी सब ये कह रहे हैं।
कोरोना से जान बचाने के लिए
ये नसीहत तुमको सब दे रहे हैं।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
माँ
माँ
shambhavi Mishra
प्रकाश एवं तिमिर
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
बड़े हौसले से है परवाज करता,
बड़े हौसले से है परवाज करता,
Satish Srijan
तेरे जवाब का इंतज़ार
तेरे जवाब का इंतज़ार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
महामना फुले बजरिए हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
महामना फुले बजरिए हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
Ravi Ghayal
दिल में भी
दिल में भी
Dr fauzia Naseem shad
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
चरागो पर मुस्कुराते चहरे
शेखर सिंह
* संसार में *
* संसार में *
surenderpal vaidya
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
Bidyadhar Mantry
"रिश्ते की बुनियाद"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन
बचपन
लक्ष्मी सिंह
खोया हुआ वक़्त
खोया हुआ वक़्त
Sidhartha Mishra
कई रंग देखे हैं, कई मंजर देखे हैं
कई रंग देखे हैं, कई मंजर देखे हैं
कवि दीपक बवेजा
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
पितृ दिवस पर....
पितृ दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
सीख बुद्ध से ज्ञान।
सीख बुद्ध से ज्ञान।
Buddha Prakash
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
फ़ना
फ़ना
Atul "Krishn"
*जब एक ही वस्तु कभी प्रीति प्रदान करने वाली होती है और कभी द
*जब एक ही वस्तु कभी प्रीति प्रदान करने वाली होती है और कभी द
Shashi kala vyas
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
Pooja Singh
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
पिता के बिना सन्तान की, होती नहीं पहचान है
gurudeenverma198
क्या कहना हिन्दी भाषा का
क्या कहना हिन्दी भाषा का
shabina. Naaz
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
लंगोटिया यारी
लंगोटिया यारी
Sandeep Pande
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
Loading...