ईद का चांद तो तुम्हे दिखाना ही पड़ेगा
ईद का चांद तो तुम्हे दिखाना ही पड़ेगा।
आस्मां को ज़मीं पर तो झुकाना पड़ेगा।।
कब तक रखोगे तुम दो दिलो को अलग।
कभी न कभी तो उनको मिलाना पड़ेगा।।
कब तक रखोगे खूबसूरत चेहरा छिपाकर।
कभी न कभी तो उसको दिखाना पड़ेगा।।
ईद आई है तो उसे गले लगाना ही होगा।
कुछ न कुछ तो उसे हमे दिलाना पड़ेगा।।
जुदा कर दिया है इस कोरोना ने हमको।
एक दिन तो उसको हमे मिलाना पड़ेगा।।
बहुत देख ली हमने तुम्हारी हरकतों को।
कभी न कभी तुम्हे सबक सिखाना पड़ेगा।।
उम्मीद रखो सुबह को उजाला तो होगा।
रस्तोगी कहता है अंधेरे को जाना पड़ेगा।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम