ईच्छा का त्याग – राजू गजभिये
ईच्छा का त्याग – राजू गजभिये
जो व्यक्ति सभी ईच्छाओं को त्याग देता है , बिना किसी कामना के कर्म करता हैं , और जिसके अन्दर “मै ” या “मेरा” का भाव नहीं रह जाता है, वहीं शांति प्राप्त कर पाता हैं ।
” अपने प्रिय कार्य को बोझ न समझे ”
– राजू गजभिये