इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
बैचेनी और तड़प जैसे लगाए आजार।
टूटा हुआ दिल है अश्कों से भीगा दामन ,
क्या कहें ! नामुराद को भेजते है लानतेँ हजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
बैचेनी और तड़प जैसे लगाए आजार।
टूटा हुआ दिल है अश्कों से भीगा दामन ,
क्या कहें ! नामुराद को भेजते है लानतेँ हजार ।