रुख़्सत
इस शहर की यादगारों को
साथ ले चला हूं ,
बीते हुए लम्हों का हिसाब
साथ ले चला हूं ,
रंजिशे, अदावतें छोड़, प्यार
साथ ले चला हूं ,
सरगर्मी – ए – महफ़िल छोड़, तन्हाई
साथ ले चला हूं ,
ज़ुल्मो सितम की दास्ताँ छोड़, सुकून
साथ ले चला हूं ,
दर्दे बेवफ़ाई छोड़, एहसान- ए -वफ़ा
साथ ले चला हूं ,
खुदगर्जी छोड़, एहसास- ए- हमदर्दी
साथ ले चला हूं ,
फ़ितरत छोड़, अख़लाक़
साथ ले चला हूं ,
सोए हुए ज़मीर को जगा, इंसानियत
साथ ले चला हूं ।