*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)
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इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें
1)
मौसम की मादकता को हम, छुऍं धन्य हो जाऍं
छिपी हवा में जो मस्ती है, भीतर अपने लाऍं
अब तक जिसको नहीं कह सके, उसको अपना मीत लिखें
2)
नए-नए पत्ते पेड़ों पर, कोमल भाव जगाते
चलता कितना मधुर सृष्टि-क्रम, हमको यही बताते
पतझड़ के ऊपर वसंत की, सत्य सनातन जीत लिखें
3)
कहें उदासी तुम थोड़े दिन, जो ऑंसू बन आईं
दो दिन का पड़ाव यह अच्छा, फिर प्रमुदित मुस्काईं
काल चल रहा धीरे-धीरे, यों उसको अभिनीत लिखें
इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें
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अभिनीत = जिसका अभिनय हुआ हो
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451