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31 Jan 2022 · 2 min read

इस धुएं में छिपी है मौत

वो कश लगा रहा है बड़े गहरे
सारा धुआं अंदर ले जा रहा है
नादान है नहीं जानता इतना भी
मौत का समंदर, अंदर ले जा रहा है।।

रुतबा बढ़ रहा अभी दोस्तों में
ये सोचकर ही धुआं उड़ा रहा है
एक कदम गर्त में और बढ़ा गया
जो आज भांग का कश लगा रहा है।।

है जाने किस दुनिया में आज वो
धुएं में अपना जीवन उड़ा रहा है
छोड़कर संस्कार अपने मां बाप के
जाने कौन उसको बहका रहा है।।

कच्ची उम्र का हवाला देकर
गलती से पल्ला झाड़ लेते हैं
वो तो अभी अनजान बच्चा है
दोष सब उम्र पर डाल देते हैं।।

पता चलता है जब मां बाप को
उनके दिल पर क्या बितती होगी
नशेड़ी बन गया है उनका सूरज
कितनी तकलीफ उनको होती होगी।।

खोखला कर जाता है ये धुआं उनको
अंधेरे से बाहर भी नहीं आने देता उनको
देता है सांस की बीमारियों की सौगात
ले जाता है मौत के इतने पास उनको।।

जब तक संभलता है वो बच्चा
तब तक बहुत देर हो जाती है
सिगरेट पीते पीते न जाने कब
वो सिगरेट ही उसे निगल जाती है।।

उजड़ रहा देश का भविष्य अब
इस ज़हरीले धुएं के गुबार में
करना होगा हमें ही अब कुछ तो
कब तक रहेंगे दूसरों के इंतज़ार में।।

इससे दूर रहने में ही सबकी भलाई है
नहीं होता मज़ा वो, जो अंत में सज़ा देता है
तरसता है इंसान एक एक सांस के लिए
लाचार परिवार को हमारे आंसू देता है।।

जगानी होगी अलख युवाओं में
नशे के खिलाफ मुहीम चलानी होगी
धीमा ज़हर है ये, निगल जायेगा तुमको
बात ये बच्चों को समझानी होगी।।

Language: Hindi
7 Likes · 1 Comment · 448 Views
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