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6 Dec 2023 · 1 min read

* इस धरा को *

** गीतिका **
~~
इस धरा को खूबसूरत हम बनाएं।
पुष्प भावों के सुगंधित सब खिलाएं।

प्रीति के शुभ गीत हों सबके अधर पर।
साथ मिलकर गान सुमधुर गुनगुनाएं।

मुश्किलों के हो कठिन पल सामने जब।
आपदाओं में सभी के काम आएं।

नाम रूकने का नहीं लेना कभी भी।
संग सबके स्नेह की गंगा बहाएं।

पोंछ डाले अश्रु हर दुखिया नयन के।
कटु समय की बात सारी भूल जाएं।

हो समय पर कार्य भी सम्पन्न सारे।
व्यर्थ के अवरोध आपस के हटाएं।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हि.प्र.)

1 Like · 1 Comment · 177 Views
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