इस दुनिया में जहाँ
इस दुनिया में जहाँ,
चलता है भाई -भतीजावाद,
वहाँ जी सकते हैं सिर्फ वो ही,
जिनकी प्रशासन में हो पकड़,
या जिनके पास हो धन,
या फिर जिनके पास है लाठी।
लेकिन ऐसी दुनिया में उनका क्या होगा ?
जिनकी नहीं है पहुंच प्रशासन में,
जिनके पास नहीं कोई सम्पत्ति,
बजाय अपनी मेहनत और योग्यता के।
जब हो रहा हो निजीकरण दुनिया में,
शिक्षा- चिकित्सा, अन्न-जल आदि का,
वहाँ क्या मिल सकेगी सुविधा ?
गरीब और अनाथ- लावारिस को,
जब दुनिया में प्रचलन में आ गई हो,
ठेकेदारी प्रथा हर कार्य में,
वहाँ क्या आबाद हो सकेगा ?
गरीब और अनाथ,
और क्या आजाद हो सकेगा ?
एक मजबूर और मजदूर आदमी।
ऐसे भ्रष्टाचार वाले जहां में,
क्या मिल सकेगा इंसाफ ?
किसी गरीब और अनाथ को,
और क्या वहाँ मुफ्त मिल सकेगी ?
शिक्षा- चिकित्सा गरीब और मजदूर को।
इस दुनिया में जहाँ—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)