“इस दीवाली”
चलो इस बार दीवाली,
करें मिल कर सफाई,
कुछ बैर दिल से तुम निकालो,
कुछ मैंल दिल से मैं दूर करूँ,
कोई कोना ना रह जाये बाकी,
कि मन में बस प्रीत की जले बाती,
जलाये ज्योत ऐसी इस बार,
कि रोशन हो हर दिल इस दीवाली,
मान सम्मान भी रहे बना,
टूटे दिल को बिखरने न दे,
तोड़ दें सारे भरम ,
रहे न बाकी कोई गिला,
थोड़ी ही सही मगर,
जला लो लौ उम्मीदों की,
कि महक जाये ख्वाब सी ये दीवाली,
खिलखिलाते नौनिहालों सी,
सजी ये दीपो की माला,
तारों सी सजी इस रात,
चलो फिर से जी लें ,
वही निश्छल बचपन इस दीवाली।
©निधि…