**इस तरह का प्यार न करना कभी **
वो आएगी, पलक झपकती नहीं उस प्रेमी की
एक टकटकी सी लगा कर बैठा था वो इंतज़ार में
शायद इक तरफ़ा प्रेम कर बैठा था उस से
जो सामने से निकल गयी शायद उसकी नहीं थी वो !!
आंसूओं का सैलाब न रोक सका वो अपने आपका
दिल से बाद कमजोर लगा वो खो गया ख्यालो में
अपनी खुद की उलझन में जाकर बना बैठा उस को अपना
शायद उसकी तक़दीर को हाँसिल नहीं थी वो !!
जान देने को उतारू हो गया, मिल गया मुझे वो वहां
मैने पल भर में समझाया की क्यूं उलझता है तू
प्यार इक तरफ का दुश्मन बन जाता अपने आपका का
छोड़ सबका साथ,अब अपने दिल को समझा ले तू वो !!
अजीत तलवार
मेरठ