“इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।
“इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।
हम उतावले महाबावले,
सस्ते में ही निपट गए।।”
😢प्रणय प्रभात😢
“इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।
हम उतावले महाबावले,
सस्ते में ही निपट गए।।”
😢प्रणय प्रभात😢