Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

“इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।

“इस जीवन-रूपी चंदन पर, कितने विषधर लिपट गए।
हम उतावले महाबावले,
सस्ते में ही निपट गए।।”

😢प्रणय प्रभात😢

1 Like · 87 Views

You may also like these posts

जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है।
जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है।
Pratibha Pandey
*दाता माता ज्ञान की, तुमको कोटि प्रणाम ( कुंडलिया )*
*दाता माता ज्ञान की, तुमको कोटि प्रणाम ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
महब्बत मैगनेट है और पइसा लोहा
महब्बत मैगनेट है और पइसा लोहा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गीत
गीत "आती है अब उनको बदबू, माॅ बाबा के कमरे से"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
Anand Kumar
*हाले दिल बयां करूं कैसे*
*हाले दिल बयां करूं कैसे*
Krishna Manshi
बंजर भूमि हुई मेरी
बंजर भूमि हुई मेरी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
..
..
*प्रणय*
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
आर.एस. 'प्रीतम'
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
रिश्ता उम्र भर का निभाना आसान नहीं है
Sonam Puneet Dubey
तरुण
तरुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मासी मम्मा
मासी मम्मा
Shakuntla Shaku
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Meenakshi Madhur
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
शिशिर ऋतु-३
शिशिर ऋतु-३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
আমি তোমাকে ভালোবাসি
আমি তোমাকে ভালোবাসি
Otteri Selvakumar
*मतलब की दुनिया*
*मतलब की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
हम सभी को लिखना और पढ़ना हैं।
Neeraj Agarwal
#कन्यापूजन
#कन्यापूजन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
https://youtube.com/@pratibhaprkash?si=WX_l35pU19NGJ_TX
Dr.Pratibha Prakash
राना लिधौरी के हिंदी दोहे -प्रेम
राना लिधौरी के हिंदी दोहे -प्रेम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नफरत
नफरत
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
जीना चाहिए
जीना चाहिए
Kanchan verma
इस साल, मैंने उन लोगों और जगहों से दूर रहना सीखा, जहाँ मुझे
इस साल, मैंने उन लोगों और जगहों से दूर रहना सीखा, जहाँ मुझे
पूर्वार्थ
प्यार समंदर
प्यार समंदर
Ramswaroop Dinkar
माँ का आँचल
माँ का आँचल
Indu Nandal
मैंने तो बस उसे याद किया,
मैंने तो बस उसे याद किया,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
Loading...