इस जीवन में फिर
अभी यह दृश्य है
अगले पल नहीं होगा
आज यह जीवन है
कल नहीं होगा
इस जीवन में फिर
क्यों न कुछ ऐसा कर जायें
जीते जी किसी के काम आयें या
मर जायें तो कभी किसी
बात पर
अच्छे किये कर्मों पर
किसी को याद आयें
क्यों व्यर्थ करें हम
अपनी प्रत्येक श्वास को
मिट्टी में मिलने से पहले
इससे सोना क्यों न
उपजायें
खुद को, दूसरों को, सबके जीवन को
एक स्वर्ण आभूषण सा क्यों न दमकायें।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001