इस जहाँ में…
इस जहाँ में देखता हूँ
बस तेरे ही नजारे
नजर कर देखूँ जिधर,
पाऊं तेेरे ही इसारे।
कम्बंक्त फिर भी ये
दिल फिसल जाता है
कुछ ढूंढने की चाह में
दूर निकल जाता है।
शायद इसे पता नही
अब ढुंढना क्या-?
जब पास तू है हमारे ।
इस जहाँ में देखता हूँ
बस तेरे ही नजारे
नजर कर देखूँ जिधर,
पाऊं तेेरे ही इसारे।
कम्बंक्त फिर भी ये
दिल फिसल जाता है
कुछ ढूंढने की चाह में
दूर निकल जाता है।
शायद इसे पता नही
अब ढुंढना क्या-?
जब पास तू है हमारे ।