इस जमीन को अपना बना
इस जमीं भू को अपना बना प्यार से
मुँह कभी तू न लग अब किसी यार से
तू इधर औ उधर मत करे आज फिर
मिल हमेशा चले तू तो परिवार से
व्याप्त आतंक रहा देश में हर तरफ
शान्ति दो राष्ट्र के बीच इकरार से
हम सभी उस प्रभू की अलौकिक कृती
मत दुखा दिल किसी का यूँ तिरस्कार से