Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2018 · 1 min read

इस जमीन को अपना बना

इस जमीं भू को अपना बना प्यार से
मुँह कभी तू न लग अब किसी यार से

तू इधर औ उधर मत करे आज फिर
मिल हमेशा चले तू तो परिवार से

व्याप्त आतंक रहा देश में हर तरफ
शान्ति दो राष्ट्र के बीच इकरार से

हम सभी उस प्रभू की अलौकिक कृती
मत दुखा दिल किसी का यूँ तिरस्कार से

Language: Hindi
74 Likes · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
"सुबह की किरणें "
Yogendra Chaturwedi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
किराये के मकानों में
किराये के मकानों में
करन ''केसरा''
बचपन मेरा..!
बचपन मेरा..!
भवेश
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
वक़्त हमें लोगो की पहचान करा देता है
Dr. Upasana Pandey
लगाव
लगाव
Arvina
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
गुमनाम 'बाबा'
"महसूस"
Dr. Kishan tandon kranti
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
क्युं बताने से हर्ज़ करते हो
Shweta Soni
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
कभी हमको भी याद कर लिया करो
कभी हमको भी याद कर लिया करो
gurudeenverma198
मैं भी कवि
मैं भी कवि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आवश्यक मतदान है
आवश्यक मतदान है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
Ravi Betulwala
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
धार्मिक नहीं इंसान बनों
धार्मिक नहीं इंसान बनों
Dr fauzia Naseem shad
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
Neelam Sharma
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
हिंदी दिवस पर राष्ट्राभिनंदन
Seema gupta,Alwar
3350.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3350.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हिमनद
हिमनद
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
Manisha Manjari
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
ब्रह्मांड के विभिन्न आयामों की खोज
ब्रह्मांड के विभिन्न आयामों की खोज
Shyam Sundar Subramanian
दिल
दिल
Neeraj Agarwal
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
शेखर सिंह
विजयादशमी
विजयादशमी
Mukesh Kumar Sonkar
मां से ही तो सीखा है।
मां से ही तो सीखा है।
SATPAL CHAUHAN
बारिश की मस्ती
बारिश की मस्ती
Shaily
*जाता देखा शीत तो, फागुन हुआ निहाल (कुंडलिया)*
*जाता देखा शीत तो, फागुन हुआ निहाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...