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21 Jul 2021 · 1 min read

इसलिए दुख से कोई भी शिकवा नहीं।

गज़ल
काफ़िया- आ स्वर
रद़ीफ- नहीं
फाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन
212……..212……..212…….212

दुख बिना सुख कभी यार मिलता नहीं।
इसलिए दुख से कोई भी शिकवा नहीं।

दाम दिन दिन बढ़ेंगे ही ……..पेट्रोल के,
शख्स कोई भी बिन कार चलता नहीं।

चाहे जी भर के कोशिश करो रातो दिन,
पर ख़िजा में कभी पेड़़ ….फलता नहीं।

खर्च करते हैं माँ बाप ……बच्चों पे जो,
कोई तकलीफ भी हो तो खलता नहीं।

हिल गईं हैं जड़ें गर किसी …..पेड़ की,
फिर शजर आँधियों में वो टिकता नहीं।

बिक गया जिसका ईमान वो ..आदमी,
फिर किसी भाव वो यार बिकता नहीं।

चाहे जितना भी भौंरे करें ……कोशिशें,
वक्त से पहले गुल कोई…खिलता नहीं।

भाग्य में जो विधाता ने है …लिख दिया,
वो कभी भी मिटाने से …..मिटता नहीं।

मैं हूँ प्रेमी बना बस तेरे ………..प्यार में,
बिन तेरे अब मेरा जी भी …लगता नहीं।

…….✍️ प्रेमी

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