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3 Dec 2021 · 1 min read

इश्क़

मेरे इश्क़ की गहराई को यह जमाना क्या जाने।
मेरे इश्क़ के रंग का, क्या रंग है जमाना क्या जाने।
मैं जिन्दा हूं की वो है,
मेरे भीतर है वो यूँ घुली हुई
मेरी बैचेनी के आलम,
को जमाना क्या जाने ।

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