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17 Mar 2021 · 1 min read

इश्क़ में दुनिया दिवानी हो गई है

2122 + 2122 + 2122
आपको ये खुश-बयानी हो गई है
इश्क़ में दुनिया दिवानी हो गई है

दास्ताने-इश्क़ में जो आप आये
खूबसूरत ये कहानी हो गई है

खिलखिलाएँ चोट में भी दर्द पाके
ज़ख़्म की ये तर्ज़ुमानी हो गई है

चार सू महके है खुशबू यूँ वफ़ा की
अहदे-उल्फ़त ज़ाफ़रानी हो गई है

दुश्मनी अब बीच कोई ना हमारे
दोस्ती इतनी पुरानी हो गई है
_________
खुश-बयानी—बातचीत का माधुर्य
तर्जुमानी—एक का मतलब दूसरे में बयान करना
ज़ाफ़रानी—केसरयुक्त

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