इश्क़ की कशिश..
क्यों मेरे इश्क की कशिश तुझ तक पहुंचती नहीं
कहनी चाही जो बात, वह तुझ तक बात पहुंचती नहीं,
एक तू ही तो मेरे प्यार का रखवाला है सनम
क्यों मेरी आंखों की तड़प तुझ तक पहुंचती नहीं,
खुद से खफा खफा से क्यों रहते हो हमदम
यह जिंदगी अब तुझ बिन कटती नहीं।।