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11 Jun 2022 · 1 min read

इश्क़ का फ़साना

अभी-अभी तो आये है अभी-अभी है जाना,
ये ज़िंदगी तो है महज़ कुछ दिनों का फ़साना,
जिस रात तू तन्हा छोड़कर गई थी
वो रात भी थी मुझको बिताना,
कब तक यूँ ही बसर होगी ज़िंदगी
तेरा यूँ बिन बताए आना और जाना,
अब हमें भी मयस्सर हो तुझसे मिलना
कब तक चलता रहेगा वही तबीयत का बहाना,
याद बहुत आते हैं,गर्दिश के वो दिन
वो तेरा छुपकर आना,और यूँ मुझसे हाथ मिलाना,

Language: Hindi
223 Views
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