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29 Sep 2020 · 1 min read

इश्क़-ऐ-आलम…. !!

कितनी मुश्किल से तुझे नैन भरके देखता हूँ,
जाने जां भूल जाने से पहले, मैं तुझे सोचता हूँ..!
तेरी बांहों मे मेरे दिल के कई अरमां है,
तुझसे ही सजा मेरा दिल -ऐ -गुलिस्तां है.. !!

थोड़ा सहारा मिल जाये…दिल- ऐ -कातिल का,
मैं नशेमन हो चला,
नशा किया..ज़ब से शराबी आँखों का.. !!

उसकी यादो की चांदनी तले,
मेरी कई शामों के सफर बीते है….
उसकी बातों के अल्फ़ाज़ों मे मेरी,
कई मुलाकातों की रात गुजरी है….. !!

उसके बेखौफ़ इरादों से मेरे दिल मे,
कई चाहत के गुल खिले है.. !
वो मेरे इश्क़ -ऐ -आलम का रवि,
हर किरदार मुकम्मिल करती है,
उसकी नाज़ -ओ -अदा कि खुश्बू,
मेरे दिल -ऐ -बाग़ मे महकती है… !!

Language: Hindi
2 Likes · 431 Views
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