इश्क
इश्क़
इश्क इश्क इश्क उफ़्फ़फ़ ये इश्क़
इस इश्क ने जीना मुहाल कर दिया।
भर गर्मी में चेहरा मेरा लाल कर दिया।।।।
छुप छुप कर लैला कब तक इश्क उनसे करेगी।
इस ज़माने ने कितना बवाल कर दिया।।।।
किस किस को अपनी वफ़ादारी का सबूत दे।
आशिक ने मेरे जाने कितने सवाल कर दिया।।।
उसके चेहरे से बरसती है खूबसूरती की नदियां।
जाने कैसा उस पर खुदा ने कमाल कर दिया।।।।।
सोनू उसका इश्क बड़ा ही रूहानी हुआ जा रहा।
उस साजन ने मुझ पर निहाल कर दिया।।।।
रचनाकार
गायत्री सोनू जैन
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