इश्क
पोस्ट:१
इश्क़..
मृगतृष्णा
तैरना नही..
डूब जाना
पूर्ण नही..
अपूर्ण होना
जीना नही..
जी कर मरा होना
इश्क..
पार नही होना
रह जाना बीच में ही..
एकाकी से
नितांत एकाकी होना..
साथ नही
यादें होना..
चलना राह अकेले
इश्क…
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद