#इश्क
#इश्क़
इश्क़ एक रूहानी जज्बा
होता नहीं मुकम्मल कभी
गर हो जाए मुकम्मल
तो वो इश्क ही नहीं….
इश्क़ मीरा के लिए
विष का प्याला
इश्क़ पार्वती के लिए
एक शिवाला…
इश्क़ एक बगावत
दुनिया वालों से
इश्क एक मोहब्बत
खुद से खुदा से….
इश्क़ एक अज़ान
जो चढ़ती नहीं परवान…
इश्क़ एक आग का दरिया
ढूंढते हैं जिसमें हम
ओस सी ठंडक….
इश्क़ एक तिशनगी
जो बुझती नहीं कभी…
इश्क़ पत्थर की मूरत
से मोहब्बत जैसा
इश्क़ खामोश रहकर
बात करने जैसा….
इश्क़ बिना पंखों के
उड़ने जैसा
इश्क़ बादलों को
छूने जैसा…..
सुनीता लूथरा ✍️