Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2024 · 1 min read

इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,

इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
इश्क हर उम्र को हम उम्र बना देती है.

175 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फूल तितली भंवरे जुगनू
फूल तितली भंवरे जुगनू
VINOD CHAUHAN
" कौन मनायेगा बॉक्स ऑफिस पर दिवाली -फ़िल्मी लेख " ( भूल भूलेया 3 Vs सिंघम अगेन )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"देखो"
Dr. Kishan tandon kranti
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हालात से लड़ सकूं
हालात से लड़ सकूं
Chitra Bisht
तुझसे यूं बिछड़ने की सज़ा, सज़ा-ए-मौत ही सही,
तुझसे यूं बिछड़ने की सज़ा, सज़ा-ए-मौत ही सही,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जीवन को जीतती हैं
जीवन को जीतती हैं
Dr fauzia Naseem shad
2895.*पूर्णिका*
2895.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
वक्त निकल जाने के बाद.....
वक्त निकल जाने के बाद.....
ओसमणी साहू 'ओश'
कड़वा सच
कड़वा सच
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ब्रह्मचारिणी
ब्रह्मचारिणी
surenderpal vaidya
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
कांटों के संग जीना सीखो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
Rituraj shivem verma
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
देवी महात्म्य प्रथम अंक
देवी महात्म्य प्रथम अंक
मधुसूदन गौतम
🙅DNA REPORT🙅
🙅DNA REPORT🙅
*प्रणय*
भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह जो कल किया
gurudeenverma198
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
उन्होंने कहा बात न किया कीजिए मुझसे
विकास शुक्ल
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
🚩जाग्रत हिंदुस्तान चाहिए
Pt. Brajesh Kumar Nayak
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
Dr Archana Gupta
मशाल
मशाल
नेताम आर सी
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
Sanjay ' शून्य'
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
Priya princess panwar
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*मरण सुनिश्चित सच है सबका, कैसा शोक मनाना (गीत)*
*मरण सुनिश्चित सच है सबका, कैसा शोक मनाना (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...