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1 Dec 2018 · 1 min read

इश्क मेरा

एहसास ,चाहत और सपनों की स्याही से,
कोरे कागज पर उतरी तस्वीर सा……इश्क़ मेरा ।।
रंगीन ख्यालों और जज्बातों से उभरा,
इस मतलबी दुनिया में जागीर सा…….इश्क़ मेरा ।।
चातक की चाहत बनी ओस की बूंद सा
ख़ुदा की ख़ुमारी में डूबे फकीर सा……इश्क़ मेरा ।।
अनजाने अक्स को पाने का जुनून ए खास
वादियों की रंगत में उतरे समीर सा……इश्क़ मेरा ।।
हसरतों के दामन में लिपटी एक आशा
किसी खुद्दार के दिल में जगे जमीर सा……इश्क़ मेरा ।।
रूह और अश्क की बेबसी के आलम में,
शह और मात की पहेली में उलझे वज़ीर सा…..इश्क़ मेरा ।।
सुशील कुमार सिहाग ‘रानू’
चारणवासी, नोहर, हनुमानगढ़, राजस्थान

Language: Hindi
5 Likes · 571 Views

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