इश्क-मिचौली बिजुलिया
घर-परिवार में एक पत्नी को पति के समकक्ष बराबरी का दर्ज़ा हासिल नहीं है, यहाँ तक दोनों हमउम्र के नहीं होते ! महिलाओं को पुरुषवादी सोच से बाहर आने होंगे, तभी स्त्रीशक्ति की अपनी महत्ता बची रह पाएगी !
यही कारण तो नहीं कि बिजुलिया रानी को निश्चित ही कोई दूसरा आशिक मिल गई होगी, अन्यथा वो इश्क-मिचौली नहीं करती !
इधर लगातार पन्द्रह दिनों से हर दिन बिजली 15 बार अवश्य ही कटती है । कभी 10 मिनट के बाद आ जाती है, तो कभी 10 घंटे बाद भी नहीं! जब से अपने गाँव में विद्युत सब ग्रिड हरकत में आई है, लो-वोल्टेज से निज़ात तो मिली है, किन्तु बिजली का यूँ कटना बदस्तूर ज़ारी है।
अभी फिर बिजली कट गई और मैं पोस्ट लिखने के साथ-साथ भूँजा फांकने बैठ गया हूँ।
आजकल कोई मनुष्य भी बिजली बिल लेकर नहीं आते हैं, कम्प्यूटर जैसे नास्तिक मशीन से बिल निकालना पड़ता है और बेमतलब के नास्तिक मशीनचालक 10 रूपा ले ही लेते हैं!
मेरे गाँव में ग्रिड है और फायदा नगर पंचायतवासियों को हो जाता है । हमें बिजुलिया रानी के बेवफाई की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए तथा उनके राजापिता यानी सरकार को खत लिखना चाहिए कि ‘आपकी बिजली बेटी विवाहिता है, बावजूद उनकी चाल-चलन ठीक नहीं है ।’
पोस्ट का अंत होते-होते बिजली आ गई है, किन्तु उनकी टिकने के आसार नहीं लग रही है।
‘लो’ वॉल्टेज लेकर आई थी और लो वो चली गई, फिर कब आएगी, पता नहीं ?