*इश्क तो सदा यारों भरी रवानी में होता है*
इश्क तो सदा यारों भरी रवानी में होता है
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जरूरी नहीं कि इश्क जवानी में होता है,
इश्क तो सदा यारों भरी रवानी मे होता है।
कहीं पर जरा नजर घुमा कर तो देखिए,
इश्क हर किरदार हर कहानी में होता है।
दिल टूटने पर बिखरती नहीं है निशानियाँ,
इश्क यार की दी हर निशानी में होता है।
लहरों की मौज ए मस्ती पहचाने पतवार,
इश्क तो खुदा की दरमियानी में होता है।
इश्किया भूत तो कण कण में मनसीरत,
इश्क तो रूहानियत रूहानी में होता हैँ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)