इश्क की वो इक निशानी दे गया
इश्क की वो इक निशानी दे गया
ख्वाब मुझको आसमानी दे गया
वो जला उम्मीद का दिल में चराग
ज़िंदगी को इक रवानी दे गया
खेलकर जज़्बात से वो तो मेरे
प्यार की झूठी कहानी दे गया
बेवफ़ा अपनी दिखाकर शक्सियत
बस मिसालें खानदानी दे गया
तोहमतें मुझ पर लगाकर अनगिनत
वो सज़ा मुझको जुबानी दे गया
होगा औरों की नजर में वो गलत
पर मुझे वो जिंदगानी दे गया
‘अर्चना’ बातों का खंजर खोंपकर
वो नयन में खारा पानी दे गया
डॉ अर्चना गुप्ता
19-12-2023