इश्क की लगी
भूल गया था अपनी पढ़ाई
दीवाना बनाया था तुमने
लोगों की नज़रों में मुझे
आवारा बनाया था तुमने।।
प्यार तो सिखाया था तुमने
प्यार भुलाया भी था तुमने
मुझको हंसाया था तुमने
मुझको रुलाया भी था तुमने।।
अजीब थी इश्क की लगी
ये दिल तोड़ा था जिसने
प्यार आ रहा था उस पर
दिल दुखाया था जिसने।।
मानी तेरी हर बात मैंने
चाहे झूठ भी कहा तुमने
मेरी वफाओं का सिला
मुझे धोखे से दिया तुमने।।
चाहत मेरी थी बेहद ज्यादा
फिर भी छोड़ा मुझे तुमने
जीना था मुझे संग तुम्हारे
फिर भी तोड़ा मुझे तुमने।।
भला चाहा था मैंने तुम्हारा
क्या सिला दिया तुमने
मेरी वफाओं और दिल को
बार बार था छिला तुमने।।
बहुत सताया था तुमने
बहुत रुलाया था तुमने
दिखी थी जब
बाहों में किसी और की
बहुत जलाया था तुमने।।
मैंने भी अब कोई और चुना
जब कोई और चुना तुमने
आज छोड़ रहा हूं मैं तुम्हें
मेरी बात को क्या सुना तुमने।।