Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

इश्क की बदनसीबी

मैं नज़रे मिलाऊँ, वो नज़रें झुकाएँ,
मैं नज़रें हटाऊँ, वो नज़रें मिलाएं,
नज़र ही नज़र में नज़र मारते हैं,
ये मैं जानता हूँ वो हमें चाहते हैं।
मगर इश्क़ की बदनसीबी तो देखो,
न मैं उन्हें जानता हूँ न वो हमें जानते हैं।।

© बदनाम बनारसी

131 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
धर्म या धन्धा ?
धर्म या धन्धा ?
SURYA PRAKASH SHARMA
सिलसिला शायरी से
सिलसिला शायरी से
हिमांशु Kulshrestha
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
जन्मदिन के मौक़े पिता की याद में 😥
Neelofar Khan
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
3612.💐 *पूर्णिका* 💐
3612.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
महबूबा
महबूबा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*Each moment again I save*
*Each moment again I save*
Poonam Matia
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
Phool gufran
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
सत्य कुमार प्रेमी
*चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)*
*चले पिता-माता को लेकर, कॉंवर श्रवण कुमार (गीत)*
Ravi Prakash
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भारत देश महान है।
भारत देश महान है।
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
DrLakshman Jha Parimal
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
राधेश्याम "रागी"
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
Bidyadhar Mantry
उमंग
उमंग
Akash Yadav
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
पूर्वार्थ
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
It was separation
It was separation
VINOD CHAUHAN
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
"दिवाली यानि दीपों का त्योहार"
Lohit Tamta
निजता के इस दौर में,
निजता के इस दौर में,
sushil sarna
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
आइये - ज़रा कल की बात करें
आइये - ज़रा कल की बात करें
Atul "Krishn"
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
आँचल की छाँह🙏
आँचल की छाँह🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कैसे कह दें?
कैसे कह दें?
Dr. Kishan tandon kranti
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...