इश्क की फरियाद
बैचेन हो जाते हैं
जब नहीं दिखता वो सामने
कहीं खो से जाते हैं
आ जाए जब नज़र के वो सामने
हर वक्त हाथों की
लकीरों को देखता रहता हूं
कहां लिखा है
उसका नाम, बस ढूंढता रहता हूं
ख्यालों में भी अब
उसका ही चेहरा दिखता है
देखता हूं जब आइना
मैं नहीं, उसका ही अक्स दिखता है
उसकी खूबसूरती
तो सबको ही दिखती है
लेकिन मुझे तो
उसमे मेरी जान दिखती है
मिल जाए तुम्हें तो
मेरा ये पैगाम पहुंचाना उसको
जब भी घूंघट उठाती है
वो शबाबे-आफताब दिखती है
होगी मुलाकात उससे
इसी उम्मीद में दिन कट रहे हैं
देखना चाहता है सूरज भी उसे
तभी अब ये काले बादल भी हट रहे हैं
बहुत धीमी है
ये हमारे प्यार की कहानी
काश अब वो भी
हो जाए मेरे प्यार में दीवानी
हम तो देखते ही
हो गए थे गिरफ्तार उसको
कोई तो बताओ
पकड़ो अब थोड़ी रफ्तार, उसको
बहुत मुश्किल है
उसके बिना अब मेरा रहना
मरता हूं उस पर
दिलो जान से, कोई उससे कहना
आओगे ज़िंदगी में मेरी
तुम्हें खुश रखने की कोशिश करूंगा
मान जाओगे जिस दिन
अपने लहू से तेरी ये मांग मैं भरूंगा