इश्क का भी आज़ार होता है।
मुक्तक
इश्क का भी आज़ार होता है।
लाइलाज-ए-बुखार होता है।
चैन बेचैन हो के मिलता है।
दर्द इसमें करार होता है।
…✍️ सत्य कुमार प्रेमी
मुक्तक
इश्क का भी आज़ार होता है।
लाइलाज-ए-बुखार होता है।
चैन बेचैन हो के मिलता है।
दर्द इसमें करार होता है।
…✍️ सत्य कुमार प्रेमी