“इश्क़ परवाने का”
एक रोज़ शमा पूछबैठी परवाने से,
क्या तुम्हें डर नहीं लगता जल जाने से,
परवाना सोचकर बोला,
क्यू पूछा तुमने ये सवाल इस दीवाने से,
शमा ने फिर फरमाया,
मुझे तो डर लगता है जमाने से,
परवाने ने जवाब दिया झट से,
प्यार होता है दिल से, फिर क्या डरना जमाने से,
शमा भी बोली इतना है प्यार,
तो क्यू डरते हो जताने से,
जवाब आया महोबबत नज़र से बया होती है,
ये जाहिर नही होती जताने से,
ये कह कर परवाना जल गया,
शमा हर महफ़िल में रोती है उस जमाने से,