Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2023 · 1 min read

इश्क़ का दामन थामे

इश्क़ का दामन‌ थामे , हम दूर तक चले आये ।
बेवफाई कर गये वो,और कर गये हमें पराये।

धड़कन की तस्बीह में हम लेते रहे तेरा नाम
मुद्दत हुई, लेकिन तुम ये बात समझ न पाये।

तेरे कदमों की मिट्टी को,सजदा करते रहे हम
दिल तेरी दहलीज़ तक,हम पहुंच कभी न पाये

इश्क़ तेरे में हुये दीवाने,सारा जहां हम भूले
जागती आंखों में हमने,सपने‌ बहुत सजाये।।

दीदार तेरा हो जाये जब, खुशी कैसे बताएं
लगे ऐसे जैसे रात को , कोई सूरज चढ़ आये।

सुरिंदर कौर

192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all

You may also like these posts

"कैसे कह दें"
Dr. Kishan tandon kranti
When you work so hard for an achievement,
When you work so hard for an achievement,
पूर्वार्थ
सहमा- सा माहौल
सहमा- सा माहौल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#Secial_story
#Secial_story
*प्रणय*
मां
मां
Lovi Mishra
आओ सजन प्यारे
आओ सजन प्यारे
Pratibha Pandey
दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
याद तो करती होगी
याद तो करती होगी
Shubham Anand Manmeet
हर विषम से विषम परिस्थिति में भी शांत रहना सबसे अच्छा हथियार
हर विषम से विषम परिस्थिति में भी शांत रहना सबसे अच्छा हथियार
Ankita Patel
*मटकी तोड़ी कान्हा ने, माखन सब में बॅंटवाया (गीत)*
*मटकी तोड़ी कान्हा ने, माखन सब में बॅंटवाया (गीत)*
Ravi Prakash
परिवर्तन
परिवर्तन
Shally Vij
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल _ मुकद्दर की पहेली 🥰
ग़ज़ल _ मुकद्दर की पहेली 🥰
Neelofar Khan
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़
कवि रमेशराज
एक नया उद्घोष
एक नया उद्घोष
इंजी. संजय श्रीवास्तव
होली
होली
SATPAL CHAUHAN
भारत देश महान है।
भारत देश महान है।
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
किलकारी भर कर सुबह हुई
किलकारी भर कर सुबह हुई
Madhuri mahakash
4024.💐 *पूर्णिका* 💐
4024.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
Harminder Kaur
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
अंसार एटवी
यही है मेरा संसार
यही है मेरा संसार
gurudeenverma198
चिरनिद्रा से नारायण जागे
चिरनिद्रा से नारायण जागे
Kavita Chouhan
सस्ता ख़ून-महंगा पानी
सस्ता ख़ून-महंगा पानी
Namita Gupta
दिखता नही किसी को
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
Shweta Soni
Loading...