इश्क़ और इंकलाब
तुझमें रस्म तोड़ने की ही
जब ताक़त नहीं है!
तुझमें हाथ थामने की ही
जब हिम्मत नहीं है!!
तो इस दुनिया में इंकलाब
क्या ख़ाक़ तू लाएगा!
तुझको इश्क़ करने की ही
जब फुर्सत नहीं है!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
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