इश्क़ अधूरा होता है क्या
वो पूछे हमसे इश्क़ कभी अधूरा होता है क्या?
मानो अब दुनिया वही है वैसा होता है क्या?
क्यूं मंद मंद मुस्कुराते हुए खामोश रहते हो
ठहर जाए कोई ऐसा वक़्त गुजरा होता है क्या?
तुम्हारे सवालों का क्या जवाब दूं मन व्यथा में हैं
ख़ामोश हो जाते है मोहब्बत में रोता चेहरा होता है क्या।
वो यादों का सहरा होता है जो ठहर जाता है
फिर क्यूं पूछते हो इश्क़ कभी अधूरा होता है क्या?
उसकी आगोश में थे ,सोचा ना था ऐसा होता है क्या।
और इश्क़ अगर खुदा लिख दे,तो पूरा होता है क्या।