इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में ही,मेरा दिल चुरा लेते हो,
एक नज़र देखकर ही,अपना बना लेते हो।
सोचा था नजरो से हाल ए दिल बताएंगे,
मगर तुम देखते ही, नज़रे झुका लेते हो।।
अपनी जान तक दे दूंगी,तुम्हारे एक इशारे पर,
मगर तुम हो इस किनारे और मै उस किनारे पर।
अजमा कर तो देखो,अपना एक इशारा देकर,
पार करूंगी गहरी दरिया आऊंगी तेरे किनारे पर।।
दूर रहकर भी मुझे अपने पास बुला लेते हो,
नींद न आने पर मुझे सहला कर सुला लेते हो।
तुम्हारे मेरे बीच में ये क्या अजीब रिश्ता बना है,
जो चुम्बक की तरह मुझे पास खींच लेते हो।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम