इशारा नहीं होता
#मतला
अगर आँखें नहीं होती तो इशारा नहीं होता ।
नज़र के तीर से घायल तु क्या यारा नहीं होता।
#शेर
बिछड़ कर जा रहा कोई ज़रा सी बात की खातिर,
रहे वो दूर बेशक से मगर न्यारा नहीं होता।
#शेर
मनों में भेद ना हो तो मतों का भेद चलता है
विचारों के अलग होने से मन खारा नहीं होता।
#गिरह
हमें इस मोड़ पर ले आए हैं ये ख़ून के रिश्ते
अगर माँ बीच में होती तो बँटवारा नहीं होता ।
#मक़्ता
लिपटकर माँ के आँचल में फ़लक को चूमती ‘नीलम”
सफलता कैसे तुम पाती जो पुचकारा नहीं होता।
नीलम शर्मा ✍️