“इलेक्शन आते ही”
“नेता जी पहुँचते द्वार,
इलेक्शन आते ही,
जागती है सोयी सरकार,
इलेक्शन आते ही,
मंदिर,मस्जिद का निर्माण,
हर समस्या का समाधान,
फ़सलों के मिलेंगे दाम,
देते भाषण बिना विराम,
बदल जाते हर सुर ताल,
मचते बात बात पे बवाल,
बुने जाते वोटो के जाल,
राजनीति में आता भूचाल,
नेता करते गज़ब कमाल,
इलेक्शन आते ही,
रैली की भरमार,नारों की हुंकार,
कार्यों के हैं प्रचार,शब्दों के तीखे प्रहार,
विपक्षियों को ललकार,लगाते मंचों से फटकार,
इलेक्शन आते ही,
लगते जनता दरबार,हर निवेदन है स्वीकार,
वोट बैंक तैयार,करतूतों से भरते अख़बार,
इलेक्शन आते ही,
धर्मों की होती बात,धरने की शुरुआत,
आरोपों की बरसात,जनता से मुलाकात,
पैतरों से करते घात,नप जाती औकात,
इलेक्शन आते ही,
झूठे वादों की बौछार,होता लोकतंत्र लाचार,
गुंडों का बाजार, सड़कों पर होते नित दंगे मार,
हो गठबंधन का विचार,
नेता जी बदल लेते व्यवहार,करते सेवासत्कार,
इलेक्शन आते ही,
आरक्षण की बढ़ती माँग,
मुफ़्त मुहैया होता रोटी,कपड़ा,मकान,
दारू,मुर्ग़ा,बिरयानी,सब ज़रूरत का सामान,
सड़कों पे नेता के दूत,फिरते होकर नशे में धुत्त,
वितरण का करते काम,
इलेक्शन आते ही,
नदियों की सफ़ाई के ,गढ़ो की भराई के,
वृक्षों की रोपाई के,बिजली में सुधार,
होते हैं सारे काम,
याद आ जाते सबको राम,
दल बदलती है आवाम,
इलेक्शन आते ही,
जनता जनार्दन है भगवान इलेक्शन आते ही”