इरादे मजबूत रखना
इरादे मजबूत रखना
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नफरत करनी है अगर हमसे तो इरादे मजबूत रखना !
लड़ना पड़ेगा मुकदमा इश्क कि अदालत सबूत रखना !!
हुई जो जरा भी चूक तुमसे, मोहब्बत हो जायेगी हमसे ।
जरा संभालकर अपनी मोहब्बत का हमसे ये भूत रखना !!
जरुरी नही कि जिंदगी प्यारी हो सिर्फ खुद ही के लिये सदा !
मर मिटेंगे गैरो के लिए भी, दिल में जरा ये अनुभूत रखना !!
हो जायेंगें रुखसत एक दिन हम दुनिया से तेरे नाम पर
ये खबर मिलने से पहले, तुम इंतज़ाम-ऐ-ताबूत रखना !!
तुम जानते हो मुझे ऐसे जैसे, खुले सागर को एक नाविक !
धर्म कि अमानत है तुम्हारे पास, इसे तुम फलीभूत रखना !!
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डी. के. निवातिया