इम्तिहान
मत ले ए जिंदगी तु
इतना इम्तिहान मेरा!
चले जाऊंगा नहीं तो
एक दिन सबकुछ
छोड़कर कुछ नहीं
तु कर पाएगी मेरा!
तू भी परेशान होती
रहेगी मेरे जाने से
पलट कर नहीं देखूंगा!
मैं भी मेरे जनाजे से
अब बस कर ऐ जिंदगी
मत ले इम्तिहान मेरा इम्तिहान मेरा इम्तिहान मेरा….
लेखक :- उमेश बैरवा