” इम्तिहान “
कुछ इस कदर वो हमारा इम्तिहान लिया करते हैं ,
सवाल भी खुद करते हैं ,
जवाब भी खुद देते हैं ,
और हमसे कहते हैं !
तुम कुछ कहती क्यों नहीं ?
जब हम बोलना चाहते थे ,
तो कभी उन्होंने कुछ सुना ही नहीं !
आज चुप हो गए हैं ,
तो उन्होंने वो भी सुना ,
जो हमने कभी कहा ही नहीं ।
– ज्योति