इम्तिहान हैं आज
इम्तिहान अभिमन्यु आज तेरा मैदान में जंग का ,
चक्रव्यूह हैं , भेदना रे तुझे ,अर्जुन नही तेरा ,
समय न समय ऐसा आएगा शत्रु तुझे भूल न पायेगा ,जीत हार तू भूल जा ,चल सीखा कैसे जाता हैं लड़ा ।
इम्तिहान अभिमन्यु आज तेरा मैदान में जंग का ,
चक्रव्यूह हैं , भेदना रे तुझे ,अर्जुन नही तेरा ,
समय न समय ऐसा आएगा शत्रु तुझे भूल न पायेगा ,जीत हार तू भूल जा ,चल सीखा कैसे जाता हैं लड़ा ।