इन नजरों के वार से बचना है।
इन नजरों के वार से बचना है।
इश्क के चक्कर में ना पड़ना है।।1।।
बड़ी ही तकलीफ मिलती है।
हमें इश्के असर में ना पड़ना है।।2।।
कुछ दिन का होता ये खेल है।
फिर अलग ही गम में रहना है।।3।।
बिछड़ना ही होता है इश्क में।
यूं तड़प तड़प कर ना जीना है।।4।।
ये दिल्लगी दिल की ना हुई है।
आशिको का बस ये कहना है।।5।।
हमको यूं खुदा ना बदलना है।
हमें कभी ये इश्क ना करना है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ