Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2020 · 1 min read

इन दिनों

कुछ ऐसा रहा है हाल हमारा इन दिनों.
नही इक पल भी चैन गवारा इन दिनों.

तुम नही थी मेरी चाहतों में शामिल कभी.
फिर क्यों शबभर ख्वाब तुम्हारा है इन दिनों.

कैसी दिवानगी है कि आईने में भी.
तेरा ही चेहरा नजर आता है इन दिनों.

सारी दुनिया के ठुकरायें हैं हम यारा.
अब तो बस इक तेरा सहारा है इन दिनों.

बहुत प्यार, मोहब्बत, इश्क करते हो दीप.
क्या सच में तुमने दिल हारा है इन दिनों.

✍️✍️…दीप

2 Comments · 250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रोगों से है यदि  मानव तुमको बचना।
रोगों से है यदि मानव तुमको बचना।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
2853.*पूर्णिका*
2853.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मर्दों वाला काम
मर्दों वाला काम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
दोहे
दोहे
डॉक्टर रागिनी
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
"किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
गुलाब के काॅंटे
गुलाब के काॅंटे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
दिल  में हसरत  जगे तो दबाना नहीं।
दिल में हसरत जगे तो दबाना नहीं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
gurudeenverma198
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
Paras Nath Jha
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
असली परवाह
असली परवाह
*Author प्रणय प्रभात*
"ॐ नमः शिवाय"
Radhakishan R. Mundhra
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
कैसे बताऊं मेरे कौन हो तुम
कैसे बताऊं मेरे कौन हो तुम
Ram Krishan Rastogi
"आज और अब"
Dr. Kishan tandon kranti
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
दोहे- दास
दोहे- दास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
Vandna Thakur
*योग (बाल कविता)*
*योग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
DrLakshman Jha Parimal
पूछो हर किसी सेआजकल  जिंदगी का सफर
पूछो हर किसी सेआजकल जिंदगी का सफर
पूर्वार्थ
चुभे  खार  सोना  गँवारा किया
चुभे खार सोना गँवारा किया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
To be Invincible,
To be Invincible,
Dhriti Mishra
प्रदाता
प्रदाता
Dinesh Kumar Gangwar
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...